लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद के नजीबाबाद विधान सभा 17 के लिए चुनाव प्रचार थम गया है कल 15 फरवरी को दूसरे चरण में मतदान होगा। नजीबाबाद सीट पर सपा बसपा व भाजपा प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। सभी प्रत्याशी मतदाताओं को अपनी ओर खींचने में लगे हुए है। लेकिन सपा बसपा व भाजपा प्रत्याशियों के ऊपर भीतरघात का खतरा मंडराता नजर आ रहा है।
भीतरघात का मंडरा रहा खतरा
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नजीबाबाद विधान सभा में विभिन्न जातियों एंव समुदाय के तीन लाख से अधिक मतदाता है। इस सीट पर सपा काग्रेस गठबंधन से हाजी तसलीम अहमद, बसपा से जमील अंसारी, भाजपा से राजीव अग्रवाल तथा लोकदल से लीना सिंघल के अलावा एक दर्जन से अधिक प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। इनमें तीन प्रत्याशी पाला बदलकर चुनाव लड़ रहे है जबकि राजीव अग्रवाल पिछले चुनाव में हार गये थे फिर भी भाजपा ने उनके ऊपर भरौसा करते हुए प्रत्याशी घोषित कर दिया था। ऐसे में भाजपा का बड़ा गुट नाराज हो गया था चारो प्रत्याशी मतदाताओं को अपनी ओर खींचने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगाये हुए है।
नजीबाबाद सीट पर अंसारी ओर एससी जाति के मतदाताओं की संख्या ज्यादा है अंसारी जाट, एससी मतदाता इस सीट पर निर्णायक माने जाते है। मगर इस बार के चुनाव में सभी मतदाता चुप्पी साधे हुए है चुनाव में जहां मुस्लिम मतो के विभाजन की आशंका व्यक्त की जा रही है वहीं एससी मतदाता भी बसपा प्रत्याशी से पूरी तरह नहीं जुड़ पा रहे है ऐसे में एससी वोटों में भाजपा सेंध लगाने के चक्कर में लगी हुई है। मगर भाजपा प्रत्याशी की राहें इस बार भी आसान नहीं नजर आ रही है क्योंकि प्रत्याशी को अपने ही समाज के लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
आपस में बंटते नजर आ रहे हैं मतदाता
समाज का एक बड़ा धड़ा रालोद प्रत्याशी को सपोर्ट कर रहा है। उधर अंसारी मतदाता भी आपस में बंटते नजर आ रहे हैं। तसलीम अहमद से भी पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता नाराज दिख रहें है जबकि तसलीम अहमद सभी वर्गो का सहयोग मिलने के दावे कर रहे है। सपा भाजपा व बसपा के अलावा सम्पूर्ण समाज पार्टी, राष्ट्रीय बहुजन परिवर्तन व एआईएमआईएम प्रत्याशी भी चुनाव में पूरी तरह डटे हुए है। 13 फरवरी को चुनाव प्रचार थमने के बाद सभी प्रत्याशी अब मतदाताओं के साथ साम दाम दण्ड भेद की नीति अपनाते हुए उन्हें अपनी ओर खींचने में लग गये है। नजीबाबाद सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है अब देखना यह है कि मतदाता किस प्रत्याशी को अपनी पहली पसंद बनाते है इसका पता तो 11 मार्च को ही चल सकेगा।
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