आगरा – आगरा में अपने आप में खास एसिड अटैक पीडिताओं द्वारा चलाए जा रहे शीरोज हैंगआउट कैफे ने एक और उपलब्धि हासिल की है। कैफे को उसके खास प्नारया के लिए नारी शक्ति पुरस्कार के लिए चुना गया है। कैफे की खास बात यह है कि यहां खाना खाने के बाद बिल नहीं आता है, आप जो चाहें पे कर सकते हैं। कैफे का पे एज यू विश कान्सेप्ट पसंद किया जा रहा है।
आगरा में एसिड अटैक सर्वाइवर्स द्वारा शीरोज हैंगआउट कैफे चलाया जा रहा है। इसे पांच एसिड अटैक सर्वाइवर्स संभालती हैं। रूपा, गीता, नीतू, रुकया और मधु कैफे को चला रहीं हैं। कैफे को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी शक्ति पुरस्कार दिया जाएगा। उन्हें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी सम्मानित करेंगे।
आगरा से शुरू देश भर तक पहुंच रहा कैफे
कैफे खोलने का आइडिया आगरा की एसिड अटैक पीडित गीता और उनकी बेटी नीतू के लिए सोचा गया था। 1992 में गीता और उनकी दो बेटियों पर उनके ही पति ने तेजाब फेंका था। ये शाहगंज में डिब्बे बनाती थी, इनके लिए छवि फाउंडेशन ने यह शुरूआत की। अब यह कई शहरों में खुल रहा है।
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