नई दिल्ली। कर्ज में डूबे और देश से फरार चल रहे शराब कारोबारी विजय माल्या की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को आदेश दिया है कि वे चार सप्ताह के अंदर अपनी पूरी संपत्ति का ब्यौरा दें। उन्हें अपनी विदेश में बनी संपत्तियों का भी ब्यौरा देना होगा।
न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति रोहिंगटन एफ नरीमन की पीठ ने भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह (कंसोर्टियम) की अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया।
कोर्ट ने ये भी कहा कि वो ये भी बताएं कि उन्होंने डियागो से मिले 40 मिलियन अमेरिकी डॉलर का क्या किया। बता दें कि विजय माल्या पर बैंकों का 9 हजार करोड़ बकाया है। उन्होंने किंगफिशर एयरलाइन्स के लिए बैंकों से कर्ज लिया था। लेकिन एयरलाइन्स 2012 में बंद हो गई। उन्होंने लोन नहीं चुकाया।
माल्या पर यह भी आरोप है कि उन्होंने लोन की रकम से विदेशों में प्रॉपर्टी खरीदी है। माल्या में अपने बचाव में कहा था कि तेल के रेट बढ़ने, ज्यादा टैक्स और खराब इंजन के चलते उनकी एयरलाइन्स को 6,107 करोड़ का घाटा उठाना पड़ा था।
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