लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव ने यहां शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव छात्रों को लैपटॉप भी पूरी तरह से नहीं बांटे और अब मुफ्त साइकिल की बात कर रहे हैं। पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में भूपेंद्र ने कहा कि जाति और धर्म के भेदभाव के आधार पर लैपटॉप बांटने वाली सपा सरकार ने एक काम पूरा किया नहीं, फिर दूसरा वादा कैसे कर सकते हैं?
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उत्तर प्रदेश के नौजवानों को रोजगार का वादा करने वाले को यह पता होना चाहिए, भर्ती घोटाले में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अनिल यादव को हाईकोर्ट ने निकाला था। कांग्रेस और सपा ने इस पर एक शब्द भी नहीं कहा। हजारों लाखों नौजवानों के रोजगार प्रक्रिया को मजाक बनाने वाली सपा ने दोषियों के खिलाफ कभी कोई कार्यवाही नहीं की।
अखिलेश बताएं बेरोजगारों को पांच साल में भत्ता क्यों नहीं दे पाएं
जिन्होंने पिछले चुनाव में नौजवानों को रोजगार भत्ता देने का वादा किया था आज गरीबों को पेंशन की बात कर रहे है वह बताएं कि, बेरोजगारों को पांच साल में भत्ता क्यों नहीं दे पाएं। जिस प्रदेश में सबसे ज्यादा अपराध महिलाओं पर होते है। नेशनल क्राइम ब्यूरों के आंकड़े है कि, दलितों पर 17 प्रतिशत से ज्यादा अपराध बढ़े है। प्रदेश में प्रतिदिन 11 बलात्कार। छेड़छाड़, लूट, अपराध के आंकडे बढ़ रहे है। उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान में असफल रहे अखिलेश यादव को माफी मांगनी चाहिए।
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अभी तक उत्तर प्रदेश के छात्रों को उन्होंने लैपटाप भी पूरी तरह से नहीं बांटे। जाति और धर्म के भेदभाव के आधार पर लैपटाप बांटे गये। अब मुफ्त साइकिल की बात कर रहे है। एक काम पूरा किया नहीं, फिर दूसरा वादा कैसे कर सकते है ? उत्साह के साथ पश्चिम क्षेत्र के मतदाता निकले है जिनका उत्साह देखकर लगता है कि, भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र के साथ भाजपा को मत देने जा रहे है। जिन मुद्दों को हमने उठाया उन्हीं मुद्दों पर कांग्रेस-सपा और बसपा को आने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
यह दो शहजादों का गठबंधन है, जिसका जनता से कोई लेना देना नहीं
रोज मुख्यमंत्री से सवाल कर रहे है क्या ये सच नहीं है कि, मायावती के शासनकाल में जितने पुलिस पर हमले हुए क्या वह अखिलेश राज में दोगुने नहीं हुए। जनता यह जान चुकी है कि, यह अवसरवादियों का गठबंधन है। जब चुनाव शुरू हो चुका है तब इन्हें पता चल रहा है कि, इन्हें चलना कहां से है। यह दो शहजादों का गठबंधन है। जिसका प्रदेश की गरीब जनता से कोई लेना देना नहीं है।
प्रदेश में अब पुलिस आधुनिकीकरण की बात की जा रही है। पुलिस अधिकारियों की हत्या, आईपीएस अधिकारियों की हत्या, जवाहरबाग काण्ड में पुलिस अधिकारी मारा गया। उ0प्र0 में मायावती के राज में 745 पुलिसकर्मियों की हत्या हुई। अखिलेश जी के राज में 1400 पुलिसकर्मियों की हत्या हुई और न केवल पुलिस पर हमले हुए, भ्रष्ट पुलिस अधिकारी और अपराधियों के गठजोड़ के रूप में श्रवण साहू हत्याकाण्ड सामने आया।
जिस पर हाईकोर्ट को भी संज्ञान लेना पड़ा। हजारों अपराधी पैरोल पर फरार है। जेल के अंदर से संगठित अपराध हो रहे है। कानून व्यवस्था की स्थिति जर्जर और लाचार है। तो कानून और व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने वाले पुलिस का आधुनिकीकरण कैसे कर सकते है ?
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