राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने कहा है कि जीवन के लिए संगीत भी है जरूरी. आज की दुनिया की भागदौड़ में संगीत हमारे दिल को सुकून देता है. भृतहरि ने कहा था कि संगीत के बिना मनुष्य पशु के समान है. संगीत हमारे भीतर प्रेम, भक्ति, शांति और सौंदर्य चेतना विकसित करता है. एक जगह एक साथ बैठकर जब हम संगीत का आनंद लेते हैं तो इससे सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता को भी मजबूती मिलती है.
ये बातें राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने स्थानीय भारतीय नृत्य कला मंदिर सभागार में आकाशवाणी संगीत प्रतियोगिता को पुरस्कृत करने के बाद कहीं. उन्होंने कहा कि आज भी भारतीय संस्कृति, भारतीय परंपरा को किसी ने जीवित रखा है, तो वो है आकाशवाणी और दूरदर्शन. आज भी सूचना क्रांति और तकनीकी विकास के इस दौर में वंचित और गरीबों के लिए रेडियो ही मनोरंजन और सूचना का माध्यम बना हुआ है. आकाशवाणी और दूरदर्शन के पास गीत-संगीत और कला संस्कृति की अकूत संपदा और विरासत के रूप में संरक्षित है. इन संपदाओं को सूचना प्रसारण के इन प्रमुख माध्यमों को इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल संग्रहण कराना चाहिए. बिहार की कला संस्कृति को समृद्ध बताते हुए उन्होंने बिहार के प्रमुख घरानों का जिक्र किया. ध्रुपद, ठुमरी परंपरा के अलावा उन्होंने पखावज, सितार, तबला जैसी वाद्य परंपराओं का भी जिक्र किया.
राज्यपाल रामनाथ कोविंद बोले – जीवन के लिए संगीत भी है जरूरी

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