यूपी राजमार्ग प्राधिकरण में हुए अरबों के घोटाले से पर्दा उठा है. राज्य राजमार्ग प्राधिकरण के लिए हाई-वे बनाने के नाम पर 7 अरब 95 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है. प्राधिकरण के परियोजना महाप्रबंधक शिव कुमार अवधिया ने शुक्रवार को विभूति खंड थाने में इसकी एफआईआर दर्ज करवाई है.
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अवधिया ने बताया कि दिल्ली-सहारनपुर से यमुनोत्री तक चार लेन के SH-57 के निर्माण का अनुबंध अगस्त, 2011 में हैदराबाद की SEW-LSY हाईवेज से हुआ था. कंपनी को मार्च 2012 से काम शुरू कर 900 दिन में पूरा करना था.
काम शुरू होने के कुछ दिन बाद पर्यावरण मंत्रालय ने 2013 में काम रुकवा दिया क्योंकि कंपनी ने पेड़ कटवाने की अनुमति नहीं ली थी. कंपनी को जून 2014 में अनुमति भी मिली और काम पूरा करने के लिए 720 दिन और दिए गए, लेकिन उसने दोबारा काम ही नहीं शुरू किया.
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यूपी राजमार्ग प्राधिकरण में हेरा फेरी का पूरा ब्यौरा
- 17.35 अरब रुपये का था प्रॉजेक्ट, 17 अरब रुपये का लोन मंजूर करवाया
- 01.48 अरब रुपये का ही काम किया और काम रोक दिया
- 14 बैंकों से 7 अरब 95 करोड़ रुपये निकाल कर चंपत हो गई कंपनी
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