पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय राजेश पायलट के नाम से बनने वाले स्टेडियम का शिलान्यास एवं उनकी मूर्ति का अनावरण करने पहुंचे मुख्यमंत्री हरीश रावत के होर्डिंग्स पर लगे फोटो पर रातों-रात किसी ने कालिख पोत दी।
इसके अलावा कार्यक्रम में पहुंचने के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने का प्रयास किया। लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। लेकिन बाद में सभी कार्यकर्ताओं को छोड़ दिया गया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री हरीश रावत की ओर से किए जा रहे स्टेडियम के शिलान्यास एवं मूर्ति के अनावरण का विरोध करने का निर्णय लिया था। कार्यकर्ताओं ने इसकी पहले ही रूपरेखा तैयार कर ली थी। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पूर्व में स्वीकृत विकास संबंधी योजनाओं को ही रोका हुआ है। ऐसे में उनका क्षेत्र में आने का कोई मतलब नहीं बैठता है।
राजेश पायलट के नाम पर मुख्यमंत्री केवल वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। पहले वह क्षेत्र में रोके गए विकास कार्यों को सुचारु करवाएं। उसके बाद खानपुर में आएं। इसी को लेकर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम स्थल पर काले झंडे दिखाने पहुंचे। लेकिन कार्यक्रम स्थल के बाहर करीब सौ मीटर दूर पहले तैनात पुलिस बल ने सभी को गिरफ्तार कर कोतवाली लेकर पहुंचे।
बाद में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम समाप्त होने के बाद छोड़ दिया गया। लेकिन, क्षेत्र में कार्यक्रम के लिए लगे मुख्यमंत्री हरीश रावत, उनकी पत्नी रेणुका रावत और डा. संजय चौधरी के होर्डिंग्स में लगे हरीश रावत के फोटो पार कालिख पोत दी गई। लेकिन होर्डिंग में लगे तीनों फोटो में से केवल सीएम की ही फोटो को निशाना बनाया गया।
शिविर में 387 शिकायतें, समाधान एक का भी नहीं
कार्यक्रम के दौरान एक बहुउद्देशीय शिविर का भी आयोजन किया गया। जिसमें जिलाधिकारी हरबंस सिंह चुघ समेत तमाम विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। इसमें ग्रामीणों ने जमीन, मुआवजा, पेंशन आदि समेत 387 शिकायतें दर्ज कराई गई। लेकिन इनमें से एक का भी समाधान नहीं होने से लोगों को मायूस लौटना पड़ा। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि सभी शिकायतों का जल्द समाधान किया जाएगा।
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