अमेरिकी सरकार चाहे जितना बचाव कर ले, लेकिन ये तो मानना ही पड़ेगा कि हाल फिलहाल में अमेरिका में नस्लभेद चरम पर है. ऐसे लोगो को ताकत और मिल गयी है जबसे अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प उनके साथ खड़े दिखते हैं.
अभी कंसास में मारे गए भारतीय इंजिनियर श्रीनिवास कुचीवोतला का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था की एक खबर और आई की कोलोराडो में एक भारतीय के घर नस्लीय हमले किये गए. हमलावर ने भारतीय के घर पर लिखा कि ‘तुम भारतियों को यहाँ नहीं रहना चाहिए’.
श्रीनिवास हत्याकांड को 1 हफ्ता ही बीता है कि एक और भारतीय के खिलाफ नस्लभेद का मामला सामने आया है
इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अब एक खबर और आ रही है कि एक भारतीय महिला को न्यूयॉर्क में ट्रेन में एक आदमी के नस्लीय हमला का सामना करना पड़ा. इस महिला का नाम एकता देसी बताया जा रहा है.
असल में एकता अपने ऑफिस से वापस घर जा रही थी. इसी बीच एक आदमी ने एकता को गालियाँ देना शुरू कर दिया और बुरा भला कहा. उस शख्स की बातों का मतलब यही था की वो महिला से कह रहा था “तुम अपने देश वापस जाओ”. ये मामला अमेरिका के कंसास में ही मारे गए श्रीनिवास की हत्या के एक हफ्ते बाद का है.
एकता ने पहले आदमी को नज़रंदाज़ किया:
एकता ने शुरू में तो उस आदमी पर ध्यान नहीं दिया लेकिन जब उस शख्स ने एक और एशिया मूल की महिला पर चिल्लाना शुरू किया तो एक ने उसकी हरकतों का एक विडियो अपने मोबाइल से तैयार कर लिया. एकता ने यह विडियो एफबी पर भी पोस्ट कर दिया है.
यह है वो विडियो:
https://www.youtube.com/watch?v=vUzMHhvvbhU
अपनी एफबी वाल पर एकता ने यह लिखा:
तो ये सब हुआ जब मैं अपने काम से वापस घर जा रही थी. यह शख्स वही जा रहा था जहा मैं. हमारे साथ तकरीबन 100 और लोग थे. मैं अपने हेडफोंस पर हमेशा की तरह गाने सुन रही थी. अगली चीज जो मुझे महसूस हुई वो ये की ये शख्स मेरे ऊपर चिल्ला रहा था. हालाँकि मैंने रियेक्ट नहीं किया. मैं वह से हट गयी. लेकिन उसने एक और एशियाई मूल की महिला पर चिल्लाना शुरू कर दिया. क्रिसटोहर स्टेशन से लेकर न्यू पोर्ट तक इस शख्स ने भद्दी भद्दी गालियाँ उस महिला को दी. जब हमने एक्शन लेने की सोची तो आस पास के लोगो ने मदद तक नहीं की. सब आराम से बैठे हुए थे.
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मुझे कुछ पता नहीं की पुलिस ने उस शख्स को ढूंडा या नहीं या कोई एक्शन लिया हो. पुलिस यह सब होने के 15 मिनट बाद आई. तब तक वो शख्स अपने दोस्तों के साथ जा चूका था. और हाँ अमेरिका के लोगों को अपने अंदर कुछ हिम्मत लानी चाहिए.
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