वर्षों पुरानी प्रतिष्ठा रखने वाला भारतीय डाक विभाग एक बड़े तस्करी स्कैम का हिस्सा पाया गया है. इस स्कैम को मोहम्मद शमीम हसन नामित व्यक्ति चला रहा था.
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इस बात का खुलासा तब हुआ जब मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की एक जॉइंट पुलिस फाॅर्स ने एक अवैध शिकारी शमीम को पकड़ा जो की दो दशक से भी ज्यादा समय से अवैध शिकारों की तस्करी कर रहा था. जानकारी के मुताबिक शमीम ने इस धंधे से अपने अंतर्राष्ट्रीय क्लाइंट्स भी बना लिए थे.
भारतीय डाक विभाग कैसे है जुड़ा?
पूछताछ के दौरान शमीम ने बताया कि उसका गिरोह भारतीय डाक विभाग की डाक सेवा की मदद से कीमती सामान इधर से उधर करता था. पंगोलिन जानवर की खाल को वो कोलकाता तक पहुंचता था जहाँ से उसको नेपाल, भूटान, चीन, हांगकांग, थाईलैंड और अन्य दक्षिण एशियाई देशों तक पहुंचता था. इसके लिए वो बंगाल, मणिपुर और नार्थईस्ट के कम निगरानी वाले बॉर्डर रास्तों का इस्तमाल करता था.
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पुलिस ने बताया की हसन के अलावा ऐसे कई और अवैध शिकारों के तस्कर हैं जो की जानवरों के शरीर के कई हिस्सों की तस्करी करते हैं. वो तस्कर भी भारतीय डाक विभाग की सहायता लेता था.
यूपी एसटीएफ के एडिशनल एसपी, अरविन्द चतुर्वेदी ने बताया कि,
शमीम एक कुख्यात तस्कर है जो की जानवरों के शरीर के कई अंगों की तस्करी करता आ रहा है. इसमें कई लुप्तप्राय जानवर जैसे बाघ, गुलदार भी शामिल हैं. हाल ही में उसने पंगोलिन की तस्करी शुरू करी थी जो की दुनिया का सबसे ज्यादा तस्कर किये जाने वाला स्तनपायी जानवर है. इस एक जानवर की खाल 1.5-2 किलो की होती है और मध्य प्रदेश के जंगलों में 10 से ज्यादा लोग उसके लिए हर रोज़ 15-20 जानवरों को मार रहे थे.
पंगोलिन होता क्या है?
पंगोलिन शर्मीला किसम का जानवर होता है जिसकी खाल में केराटिन होता है जो की मनुष्य की चमड़ी और खाल में भी पाया जाता है.
इस जानवर की चमड़ी थाईलैंड, वियतनाम और चीन में औषधि के रूप में इस्तमाल की जाती है. दक्षिण एशियाई देशों में इसका मीट भी खूब खाया जाता है.
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भारत में इस जानवर को अवैध शिकार से ख़ासा खतरा है. उसको उसके प्रोटीन, खाल और इलाज में काम आने वाली चीजों के लिए मारा जाता है.
ताज्जुब की बात है की भारत का संविधान इंडियन वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत और इंटरनेशनल यूनियन फॉर द कोन्सेर्वतिओन ऑफ़ नेचर के तहत लुप्तप्राय घोषित है. विशेषज्ञों की माने तो अगर इसका अवैध शिकार बंद नहीं हुआ तो ये जानवर बहुत जल्द लुप्त हो जायेगा.
भारत में इसके अवैध शिकार पर 7 साल तक की जेल भी हो सकती है. शमीम इस जानवर के शिकार के लिए बंजारों और आधिवासियों की सहायता लेता था.
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