मथुरा– मथुरा में होली के रंग छाने की शुरुआत हो गई है। रमण रेती मंदिर में गुरुवार को होली खेली गई जहां त्यौहार का आगाज मयूर नृत्य और फूलों की होली से हुआ। भगवान कृष्ण की आरती के साथ ही उनके स्वरूप फूलों से नहा गए। इसके बाद भक्तों ने भी फूलों से होली खेली। आयोजन के लिए 5000 किलोग्राम फूलों का इंतजाम किया गया…
मथुरा के रमण रेती मंदिर परिसर में विशाल पंडाल में खास होली महोत्सव का आयोजन हुआ। इसके लिए 5000 किलोग्राम फूलों का इंतजाम किया गया था।
आयोजन में सबसे पहले राधा और कृष्ण के स्वरूपों ने मयूर नृत्य किया। मोर की आवाज के साथ ही हर कोई मनोहारी नृत्य कर रहा था।
इसके बाद भक्तों पर फूलों की बरसात की गई। हर कोई इन फूलों से नहा कर खुद को धन्य महसूस करता रहा।
मयूर नृत्य व फूलों की होली का आयोजन
मंदिर परिसर में रहने वाले संत रामास्वामी का कहना है कि बरसाना के गुहवर वन में मोर देखने के लिए राधा आती थीं।
एक वक्त कृष्ण ने लीला दिखाई और सारे मोर गायब हो गए। इस दौरान राधा परेशान हो गई। तब कृष्ण ने स्वयं मोर का रूप धारण किया और नृत्य करने लगे।
उनके साथ राधा भी मोर के रूप में नृत्य करने लगी। तभी इस मयूर नृत्य की शुरुआत हुई।
होली पर मयूर नृत्य का आयोजन तभी से हो रहा है। साथ-साथ फूलों की होली भी खेली जाती है।
इस दौरान झंझ,ढोलक के साथ मोर की आवाज भी निकाली सुनाई देती है।
रमण रेती मंदिर में इसी वजह से सबसे पहले मयूर नृत्य और फिर फूलों की होलीी हुई।
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