बीजिंग/नई दिल्ली. चीन ने तिब्बत में ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी का पानी रोका दिया है। चीन यहां बेहद खर्चीला एक हाइड्रो प्रोजेक्ट चला रहा है और इसके तहत एक बांध बनाने की कोशिश में जुटा है। चीन के इस कदम से भारत समेत कई देशों में ब्रह्मपुत्र के पानी का बहाव प्रभावित हो सकता है।
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चीन ने क्यों किया ऐसा…
चीन की शिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने शनिवार को अपनी एक रिपोर्ट में प्रोजेक्ट के एडमिनिस्ट्रेशन ब्यूरो के हेड झांग युनबाओ के हवाले से यह दावा किया। तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी को यारलुंग जांगबू कहा जाता है। चीन ने इसकी सहायक नदी शियाबुकु का पानी रोका है। यहां लालहो नाम से एक प्रोजेक्ट चल रहा है, जिस पर चीन अब तक 740 मिलियन डॉलर (4.95 बिलियन युआन) का इन्वेस्टमेंट कर चुका है।
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चीन-पाकिस्तान की मिलीभगत !
भारत उड़ी आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है। इसी सिलसिले में पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सिंधु जल समझौते का रिव्यू किया था। जिसके बाद पाकिस्तान ने धमकी दी थी कि वह चीन से कहकर ब्रह्मपुत्र का पानी रुकवा देगा।
अब चीन के इस कदम को भारत के दबाव का जवाब माना जा रहा है। हालांकि रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि चीन की तरफ से ब्रह्मपुत्र नदी की सहायक नदी का पानी रोके जाने से भारत-बांग्लादेश पर इसका क्या असर पड़ेगा?
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