पूर्व सांसद सैयद शहाबुद्दीन का आज नोएडा के जेपी अस्पताल में निधन हो गया. वह 82 वर्ष के थे. उनके परिवार में पांच बेटियां हैं. उनके निधन पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने दुख व्यक्त किया है. वहीं, आम आदमी पार्टी बिहार के मीडिया प्रभारी बबलू प्रकाश ने शहाबुद्दीन के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने एक राजनयिक, एक राजदूत और एक राजनेता के रूप में कार्य किये थे, देश के लिए यह बहुत बड़ी क्षति है, जिसको पूरा नहीं किया जा सकता है. श्री शहाबुद्दीन के दामाद तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी अफजल अमानुल्लाह ने यूनीवार्ता को बताया कि उन्हें सांस लेने की तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन आज सुबह करीब 5.30 बजे उनका निधन हो गया. आज यहां जोहर नमाज के बाद करीब 1.30 बजे तत्फीम किया जाएगा.
राजनयिक, राजदूत और राजनेता
राजनयिक, राजदूत और राजनेता के तौर पर जाने जाने वाले श्री शहाबुद्दीन का जन्म 1935 में हुआ और बिहार स्कूल परीक्षा समित की मैट्रिक की परीक्षा के टॉपर रहे. वर्ष 1958 में भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के लिए चुने गये. वर्ष 1978 में उन्होंने भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) से इस्तीफा देकर राजनीति में प्रवेश किया. वह लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य रहे. श्री शहाबुद्दीन का नाम शाह बानो केस और बाबरी मस्जिद विध्वंश के बाद देश भर में सुर्खियों में छाया रहा. उन्होंने बाबरी मस्जिद गिराये जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा भी दे दिया था. 1989 में इंसाफ पार्टी का गठन किया था, जिसे एक साल के भीतर ही भंग भी कर दिया था. वे भारत के संघीय ढ़ांचे के पैरोकार के तौर पर भी जाने जाते हैं और उनकी राय में शासन के हर स्तर पर अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी होनी चाहिए थी. सैयद शहाबुद्दीन की एक पुत्री परवीन अमानुल्लाह वर्तमान में आम आदमी पार्टी बिहार की नेता हैं. वह बिहार की नीतीश सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं. पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक शहाबुद्दीन को लोदी रोड कब्रिस्तान में दोपहर में दफनाया जाएगा.
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