तमिलनाडु में चल रहे सत्ता संघर्ष के बीच मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम की सियासी ताकत मज़बूत होती दिखाई दे रही है. ओ पनीरसेल्वम की ताकत और मज़बूत होती तब दिखी जब एक मंत्री, तीन लोकसभा सांसद एवं अन्नाद्रमुक के एक प्रवक्ता उनके साथ हो गए.
महिलाओं और लड़कियों के लिए क्या बोले मुलायम सिंह, जानिए
वही पार्टी महासचिव वीके ससीकला ने परोक्ष चेतावनी दी कि शपथ ग्रहण नहीं होने पर धैर्य जवाब दे रहा है.
पन्नीरसेल्वम को इन-इन नेताओं का समर्थन मिला
जहां एक तरफ ससिकाला का विरोध बढ़ रहा है तो वही कुछ बड़े नेताओं ने पन्नीरसेल्वम के ख़ेमे में आना बेहतर समझा.
स्कूली शिक्षा मंत्री के पांडियाराजन, सांसद पीआर सुंदरम, सांसद के अशोक कुमार और सांसद सत्यभामा मुख्यमंत्री के ख़ेमे में चले गए.
पार्टी प्रवक्ता एवं एमजीआर मंत्रिमंडल का हिस्सा रहे सी पोन्नैयन ने भी मुख्यमंत्री को अपना समर्थन दे दिया.
इन सभी नेताओं के साथ-साथ पूर्व मंत्री एमएम राजेंद्र प्रसाद भी मुख्यमंत्री खेमे में शामिल हो गए.
मुलायम मिलना चाहें तो अखिलेश से पूछ कर मिल लें: अमर सिंह
जान से मरने की दी थी धमकी
ताकत प्राप्त होने के साथ-साथ एक और बड़ा सच सामने आया है. एआईएडीएमके के जिन 129 विधायकों को गोल्डन बे बीच रिजॉर्ट में ठहराए गया था उन से पुलिस और रेवन्यू अधिकारियों ने पूछताछ की है.
विधायकों से पुलिस और रेवन्यू अधिकारियों की टीम ने एक-एक करके सबसे अलग-अलग पूछताछ की.
पुलिस और रेवन्यू टीम ने विधायकों से लिखित में बयान लिए हैं.
हर एक विधायक के लिखित बयान कोर्ट भी लिए गए. इसके बाद दो विधायक वी पन्नीरसेल्वम और के. मोहन से मीडिया ने बात की.
जब दूसरे ख़ेमे से पूछा गया, तब उन्होंने बताया, ‘मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम खेमे से हमें जान से मारने की धमकी मिली थी. रिजॉर्ट में हम लोग अपनी सुरक्षा के लिए रुके हुए हैं.’
हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा सकी है.
कैलाश सत्यार्थी का नोबल पुरस्कार चोरों ने उड़ाया
Facebook
Twitter
Google+
RSS