दूसरी बार केंद्र सरकार को नोटबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के कड़े सवालों का सामना करना पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के खिलाफ हाई कोर्ट और निचली अदालतों में नोटबंदी के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई पर रोक लगाने से मना कर दिया है। कोर्ट ने साथ ही मामले पर सुनवाई टाल दी है।
गौरतलब हो कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि नोटबंदी के खिलाफ अदालतों में दाखिल याचिकाओं की सुनवाई पर रोक लगाई जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘लोग वास्तविक समस्याओं का सामना कर रहे हैं और हम उन्हें अदालत जाने से नहीं रोक सकते।’
केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि नोटबंदी को लेकर देशभर के हाईकोर्ट व अदालतों में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी जाए क्योंकि इससे भ्रम की स्थिति बन रही है। साथ ही उन्होनें सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देते हुए कोर्ट को कहा कि हालात की हर रोज स्तरीय समीक्षा हो रही है। इसके अलावा समस्याएं भी दूर की जा रही हैं।
गौरतलब हो कि, देश में 500 व 1000 के नोट को चलन से बाहर करने के आ रही परेशानी को देखते हुए मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका में बैंकों की व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए गए हैं। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से गुजारिश किया है कि व्यवस्था बहाल होने तक बैंकों में काउंटर की संख्या को बढ़ाया जाए। सरकार के उठाए गए कदमों की कोर्ट को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हालात की हर रोज उच्च स्तरीय समीक्षा की जा रही है और समस्याएं दूर की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कतारें छोटी हो रही हैं। याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।
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