आगरा। 8 नवंबर को पीएम मोदी के नोटबंदी ऐलान के बाद से पूरे देशे में अफरा-तफरी मची हुई है। ये कहना गलत नहीं होगा की देश में आपातकाल जैसी स्थिति आ गई है। इस मुश्किल समय में पैसों के लिए लोग कुछ भी करने को तैयार हैं। अलीगढ़ में रहने वाले एक शख्स ने चंद पैसों के लिए अपनी नसबंदी करवा ली जिससे उसे कुछ पैसे मिल जाएं और वो कुछ दिनों तक अपने परिवार का पेट पाल सके।
नोटबंदी की वजह से नसबंदी करवाने को मजबूर हो रहे लोग
अलीगढ़ में रहने वाले पूरन शर्मा ने पैसों की कमी के कारण नसबंदी करवा ली, पूरन की पत्नी विकलांग हैं और महिला की नसबंदी पर कम पैसे मिलते हैं इसलिए ये कदम पूरन ने उठाया। नसबंदी कराने वाले पुरुष को जहां 2,000 रुपये मिलते हैं, वहीं ऐसा करवाने वाली महिला को 1,400 रुपये मिलते हैं। पूरन का कहना है कि उनके परिवार के पास खाने तक को पैसे नहीं थे।
पूरन ने शनिवार को बताया, ‘मैं और मेरी पत्नी खैर स्थित सरकारी अस्पताल गए। मेरी पत्नी के विकलांग होने के कारण डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन नहीं किया। इसीलिए मैंने नसबंदी करवा ली। मुझे लगा कि जो पैसे मिलेंगे, उससे मैं कुछ दिनों तक अपने परिवार को खाना तो खिला सकूंगा। लेकिन मुझे अभी तक पैसा नहीं मिला है।’
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर राहुल शर्मा ने बताया कि पूरन को पैसों की सख्त जरूरत थी और इसीलिए वह नसबंदी कराने आए। डॉक्टर शर्मा ने बताया, ‘चूंकि उनका परिवार पूरा हो चुका था और उन्हें पैसों की जरूरत थी, इसीलिए हमने उनकी नसबंदी कर देने का फैसला किया।’
पहले से दोगुना ज्यादा लोगों ने करवाई नसंबदी
पूरन को अभी तक पैसे नहीं मिलने की बात पर डॉक्टर शर्मा ने बताया कि रुपया सीधे उनके बैंक खाते में डाल दिया जाएगा और इस काम में थोड़ा समय लगेगा। वैसे अगर आकड़ों पर ध्यान दिया जाए तो पिछले महीनों के मुकाबले नवंबर में यहां दोगुने लोगों ने नसबंदी करवाई। पिछले साल नवंबर में जहां कुल 92 लोगों ने नसबंदी कराई थी, वहीं इस नवंबर में अबतक 176 लोग नसबंदी करवा चुके हैं। यह महीना खत्म होने में अभी भी 4 दिन बाकी हैं। इसी तरह आगरा में भी पिछले नवंबर में जहां 450 लोगों ने नसबंदी करवाई थी, वहीं इस साल नवंबर में अब तक यहां 904 महिलाएं और 9 पुरुष नसबंदी करवा चुके हैं। इसका मतलब ये हुआ कि नोटबंदी की वजह से लोग नसबंदी करवाने को मजबूर हो गए हैं। वैसे तो इसमें कोई गलत बात नहीं है लेकिन जो लोग मजबूरी या सिर्फ चंद पैसों की वजह से ये कदम उठा करे हैं तो ये सोचने वाली बात है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को ये ऐलान किया था कि रात 12 बजे के बाद से 500 और 1000 के पुराने नोट बंद कर दिए जाएंगे। उसके बदले में सरकार ने 500 और 2000 के नए नोट निकाले हैं लेकिन जितनी मात्रा में लोगों को पैसों की जरूरत उस मात्रा में उन्हें पैसे नहीं मिल पा रहे हैं जिसकी वजह से अफरा-तफरी मची हुई है। साथ ही सरकार ने बैंक और एटीएम से पैसा जमा करने और निकालने की भी राशि तय कर दी है।
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