पटना: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल भेजे जाने के फैसले को लेकर महागठबंधन सरकार पर तीखा तंज किया है। उन्होंने कहा है कि कोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि बिहार में कानून-व्यवस्था की ऐसी स्थिति नहीं है कि शहाबुद्दीन जैसे सत्ता संरक्षित अपराधी को वहां रख कर उसके मामले की निष्पक्ष सुनवाई कराई जाए।
सुशील मोदी ने कसा तंज
बकौल मोदी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में साहस है तो लालू प्रसाद पर दबाव बना कर शहाबुद्दीन को राजद से निष्कासित कराएं। जेल में शहाबुद्दीन से मिलने व दरबार लगाने वाले मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही शहाबुद्दीन से जुड़े तीन साल से बंद पड़े सभी मामले का ट्रायल शुरू कराएं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नीतीश के कथित सुशासन और कानून के राज की फिर हवा निकल गई है।
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जदयू के प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह ने सुशील मोदी पर पलटवार करते हुए कहा है कि उन्हें भाजपा का कारनामा नहीं दिख रहा है। बयानबाजी से पहले उन्हें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। बिहार भाजपा में 64 फीसद विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं। उन्हें नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकसित हो रही राजनीतिक संस्कृति से सीख लेने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जदयू सम्मान करता है।
नीतीश कुमार कभी किसी के दबाव में काम नहीं करते हैं। जो राजनीतिक और सामाजिक रूप से सही होता है, वही फैसला लेते हैं। कानून अपने स्तर पर काम कर रहा हे। सुशील कुमार मोदी को तो अपना कुनबा देखना चाहिए जहां भ्रष्टाचारियों की लंबी सूची है। मोदी को शायद यह समझ में नहीं आता है कि सरकार के दायरे में क्या है? हाल में जो भी मामले आए हैं उन्हें न्यायालय को देखना है। सरकार की तरफ से जो भी कार्रवाई होनी थी, वे हो चुकी हैं।
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