यौन शोषण के आरोपी ऑटोमोबाइल्स कारोबारी निखिल प्रियदर्शी को भले ही निचली अदालत से जमानत नहीं मिली, लेकिन अनुसंधानकर्ता की रिपोर्ट ने पीडि़त युवती की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं. अदालत में प्रस्तुत की गई केस डायरी में दर्ज विवरण प्राथमिकी से भिन्न हैं. साथ ही इस मामले में सांसद छेदी पासवान के बेटे का नाम भी जुड़ गया है. अनुसंधानकर्ता की केस डायरी के अनुसार पीडि़ता द्वारा उपयोग किया जा रहा मोबाइल नंबर सांसद छेदी पासवान के बेटे राहुल पासवान के नाम पर रजिस्टर्ड है. दो मार्च 2016 को तड़के 3 बजकर 19 मिनट 17 सेकेंड पर पहली बार पीडि़ता के नंबर से निखिल के मोबाइल पर एसएमएस आया था. इसके तुरंत बाद 3 बजकर 22 मिनट 28 सेकेंड पर पीडि़ता ने उसे कॉल किया और दोनों के बीच 5353 सेकेंड यानी करीब 9 मिनट तक बात हुई, जबकि एफआइआर और कोर्ट में 164 के बयान पीडि़ता ने जनवरी 2016 में निखिल से संपर्क होने की बात कही थी. साथ ही कहा था कि पहली बार निखिल ने मिस्ड कॉल किया था, फिर उनके बीच दोस्ती हुई.
इधर, कांड के मुख्य आरोपी निखिल प्रियदर्शी की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस कई राज्यों में छापेमारी कर रही है. हालांकि अब तक उसका कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया है. कांड की जांच कर रही अपराध अनुसंधान विभाग के कमजोर वर्ग की एसआइटी निखिल की संपत्ति कुर्क करने की अर्जी देने की तैयारी में है.
निखिल प्रियदर्शी कांड, डायरी में पीड़िता के खिलाफ कई राज

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