नई दिल्ली। जाट समुदाय के हजारों लोग आज जंतर-मंतर पर धरना देने के लिए इकट्ठा हुए हैं। उनका कहना है कि वो दिल्ली में अपने जाट आंदोलन को वो तेज करेंगे और 20 मार्च को संसद का घेराव भी किया जाएगा। संसद मार्ग पर पुलिस बैरिकेड को तोड़ने का प्रयास करने के बाद कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। आंदोलन का संचालन कर रही ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार पर उनकी मांगों को ‘नजरअंदाज’ करने का आरोप लगाया है, जिनमें सरकारी नौकरियों तथा शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण भी शामिल है।
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली और पंजाब से आए प्रदर्शनकारी अपनी मांग को लेकर एकत्रित हुए। उनकी मांग है कि आरक्षण के साथ ही 2016 में आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी दी जाए, जाट समुदाय के लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं और मामले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। जाट समुदाय पिछले 33 दिनों से हरियाणा और उत्तर प्रदेश में जगह जगह प्रदर्शन कर रहे जाट समुदाय ने गुरूवार को असहयोग आंदोलन शुरू कर दिया है। जिसके तहत वो अपने बिजली और पानी के बिलों का भुगतान नहीं करेंगे और साथ ही उन्होंने अपने कर्ज की किश्तों को भी नहीं चुकाने का फैसला किया है।
(एआईएजेएएसएस) के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा, “हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार द्वारा हमारी मांगों को नरअंदाज किए जाने के खिलाफ हम प्रदर्शन कर रहे हैं। हम अपनी मांगों को लेकर संसद तक मार्च करेंगे।” मलिक ने कहा, “बीते कम से कम 33 दिनों से हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं, राज्य तथा केंद्र सरकार हमारी मांगों के प्रति असंवेदनशील है।” एआईएजेएएसएस के नेता ने कहा, “सरकार को नींद से जगाने के लिए हम 20 मार्च को एक व्यापक आंदोलन शुरू करेंगे।” उन्होंने कहा कि जाट समुदाय लंबी लड़ाई के लिए तैयार है।
मलिक ने कहा, “अब यह सरकार पर निर्भर है कि वह समाधान के लिए बाहर आए, लेकिन हमें लगता है कि वे इसका समाधान नहीं चाहते। हम लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं और यह मार्च इसी की घोषणा है।” उन्होंने कहा कि 13 राज्यों के 50 लाख जाट आंदोलन में हिस्सा लेंगे। आंदोलनकारियों ने बाद में संसद की तरफ मार्च किया और अपनी सात सूत्री मांगों का ज्ञापन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देने के लिए अधिकारियों को सौंपा। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त आर.पी.मीणा ने कहा कि आंदोलन में लगभग 4-5,000 लोगों ने हिस्सा लिया, जबकि संसद के निकट बैरिकेड को तोड़ने के प्रयास में कई लोगों को हिरासत में लिया गया।
राजधानी दिल्ली में फैले बर्ड फ्लू के दौरान दिल्ली मे सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार और मुर्गा कारोबारियों को बुधवार को कुछ राहत मिली है। दरअसल, जालंधर (पंजाब) भेजे गए गाजीपुर मंडी के मुर्गों के (पाल्ट्री बर्ड) के 100 नमूने नेगेटिव मिले हैं। ये नमूने 35 मुर्गोँं से लिए गए थे। दिल्ली...
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