जलील मस्तान के भेंट चढ़ी विधानसभा, शुक्रवार को सिर्फ 45 मिनट ही चली कार्यवाही. इन दिनों बिहार विधानमंडल के बजट सत्र में हंगामा चल रहा है. शुक्रवार को दिन भर में जब विधानसभा की कार्यवाही मात्र 45 मिनट चली और परिषद की मात्र 11 मिनट, तो सवाल उठने लगे कि आखिर जनता और जनहित के मुद्दे कैसे-कैसे मुद्दों के लिये गौण होते जा रहे हैं. भाजपा उत्पाद व मद्य निषेध मंत्री अब्दुल जलील मस्तान पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रही है. इस मुद्दे को लेकर बिहार विधानसभा का नहीं चलना भी लोकतांत्रिक मर्यादा का उल्लंघन है. जनता को सभी पार्टियों को जवाब देना चाहिए, कि क्या हम उन्हें इसलिए अपना प्रतिनिधि चुनकर भेजते हैं. हम उन्हें इसलिए सदन में नहीं भेजते हैं. उन्हें भेजते हैं-जनहित के मुद्दे उठाने के लिये, जनता से जुड़े विधेयकों को पास करने के लिये, मुद्दों पर बहस करने के लिये. जनता के प्रति जिम्मेदार हैं जनप्रतिनिधि. सदन को ना चलने देना ठीक नहीं. ऐसे नेताओं पर कार्रवाई होनी चाहिए.
माफी मांग चुके हैं जलील
मंत्री अब्दुल जलील मस्तान ने इसी बची मीडिया से कहा है कि मैंने अपने बयान पर माफी मांग ली है, अब क्या फांसी पर चढ़ जाऊं? मस्तान ने कहा कि अगर उनके बयान से किसी को दुख पहुंचा है, तो इसके लिए माफी मांगते हैं.
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