यह अपने आप में शायद पहला मामला होगा जब चीन पर आतंकवाद का साया मंडरा रहा हो. खबर है कि आतंकी संगठन आइएस ने अपने बनाए एक वीडियो में कहा है कि जल्द ही चीन की नदियों में खून बहेंगी. असल में ऐसा माना जा रहा है कि आईएस ने उइगर मुसलमानों से हाथ मिला लिया है.
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बता दें कि चीन के जिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों की आबादी लंबे समय से सामान्य अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही है। उन्हें अपने धार्मिक चिह्नों को सार्वजनिक करने, बुर्का पहनने और सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने जैसी छूट नहीं है। धार्मिक मामलों में सरकारी प्रतिबंधों का विरोध धीरे-धीरे विद्रोह का रूप लेने लगा है.
आइएस ने इस विद्रोह का फायदा उठाते हुए उइगर मुस्लिमों के युवा वर्ग को भड़काकर अपने साथ ले लिया। इराक और सीरिया में बड़ी संख्या में उइगर आइएस की तरफ से लड़ रहे हैं। जिनजियांग में भी उइगरों और बहुसंख्यक हान आबादी के बीच हाल के वर्षो में टकराव बढ़ा है। इसमें सैकड़ों लोगों की जान जाने की खबर है। हाल ही में इराकी सेना ने आधा घंटे का ऐसा वीडियो जारी किया है जिसमें आइएस लड़ाके उइगरों को प्रशिक्षित करते दिखाई दे रहे हैं। जिन स्थानों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है उनमें कुछ इलाके चीन के भीतरी इलाकों के हैं.
इस वीडियो में एक फुटेज में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी दिखाए गए हैं। इसमें एक उइगर नौजवान अपने साथियों से एकजुट होने की अपील करता दिखाई-सुनाई देता है। वीडियो में अमेरिका, चीन, रूस और दुनिया के हर हिस्से में झंडा बुलंद करने की बात कही गई है। वीडियो में जिनजियांग प्रांत की जमीन को उइगरों के खून से लाल करने की बात भी कही जा रही है। इसका बदला लेने का संकल्प लिया जा रहा है.
जो व्यक्ति बोल रहा है उसका उच्चारण व भाषा यारकंद निवासियों जैसी है, जो जिनजियांग प्रांत के काशगर के नजदीक का इलाका है। वीडियो में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और सरकार के बारे में जहर उगला गया है। वीडियो में कहा गया है कि लंबी प्रताड़ना के चलते आंखों से जो आंसू बहे हैं, हम उनके बदले अल्लाह की मर्जी से चीन की नदियों में खून बहाएंगे.
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