पिछले कुछ समय से भारत-चीन के रिश्तों में आई दरार उस समय और चौड़ी हो गई जब चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुस आए. उनके सैनिक सिर्फ लेह में घुसे ही नहीं बल्कि वहां काम कर रहे ग्रामीणों को धमकाया भी.
इस सबके बीच भारतीय वायुसेना ने सतर्कता दिखाते हुए चीनी बार्डर से 30 किलोमीटर की दूरी पर अपना सबसे बड़ा मिलिट्री प्लेन उतारा है.
भारत और चीनी सैनिकों के बीच लद्दाख मे बुधवार से ही तनाव का महौल बना हुआ है. लेह में मनरेगा योजना के तहच नहर निर्माण में लगे मजदूरों को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों ने काम करने से रोक दिया साथ ही डराया धमकाया भी.
Indian Air Force lands C-17 Globemaster at Mechuka (Arunachal Pradesh) pic.twitter.com/5v8b6RtZzR
— ANI (@ANI) November 3, 2016
लेह से करीब 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक जगह पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत एक गांव को ‘हॉट स्प्रिंग’ से जोड़ने के लिए काम चल रहा था.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक तकरीबन 55 चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में पहुंचे और आक्रामक तरीके से वहां काम कर रहे भारतीय मजदूरों को काम करने से रोक दिया. सूचना मिलते ही सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने मौंके पर पहुंचकर स्थिती को काबू में किया.
WATCH: Indian Air Force lands C-17 Globemaster at Mechuka (Arunachal Pradesh) at an elevation of 6200 feet pic.twitter.com/QZWQtw5QlV
— ANI (@ANI) November 3, 2016
भारतीय सेना और आईटीबीपी के जवानों की दखलअंदाजी के बाद चीनी सैनिक वापस नियंत्रण रेखा के पार चला गए. चीनी सैनिकों का कहना था कि दोनों पक्षों को किसी भी तरह के काम को शुरू करने के पहले अनुमति लेने की आवश्यकता होती है.
भारत ने चीन के दावे को खारिज करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच हुए समझौते के अनुसार निर्माण के संबंध में जानकारी साझा तभी किए जाने की जरूरत है, जब यह काम रक्षा उद्देश्यों के लिए हो.
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