सदर कचहरी परिसर स्थित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आत्मसमर्पण करने आये अपहरण के मुजरिम को कोर्ट परिसर से गिरफ्तार करने की कोशिश दारोगा के लिए भारी पड़ गई। शुक्रवार की दोपहर को अधिवक्ताओं ने दारोगा को पकड़कर पीट दिया। हालांकि न्यायिक अधिकारियों ने बीच बचाव कर शांत कराया, वरना दिल्ली के 30 हजारी कोर्ट जैसे टकराव की स्थिति पैदा हो सकती थी।
बलुआ थाना क्षेत्र के महगाव गांव निवासी राकेश चौरसिया के खिलाफ बलुआ थाना के कैलावर चौकी अपहरण का मुकदमा दर्ज था। पुलिस काफी दिनों से आरोपित की तलाश कर रही थी। आरोपित शुक्रवार को पुलिस से बचकर सीजेएम कोर्ट में आत्म समर्पण करने आया था। इसी दौरान वादी वीरेंद्र शर्मा ने उसे देख लिया। उसने तत्काल इसकी सूचना कैलावर चौकी इंचार्ज रमेश कुमार सिंह को इसकी सूचना दे दी तो चौकी इंचार्ज कचहरी पहुंचे। आरोप है कि चौकी इंचार्ज ने सीजेएम कोर्ट के अंदर मौजूद मुजरिम को हाथ पकड़कर खींचने लगे।
मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार उसने कोर्ट का दरवाजा पकड़ लिया और जोर जोर से शोर मचाना शुरूकर दिया। इस दौरान वकीलों की दारोगा पर नजर पड़ी तो आक्रोशित हो उठे। वकीलों ने इसी दौरान दरोगा की पकड़कर पिटाई कर दी। मौके पर पहुंचे न्यायिक अधिकारियों और वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने बीच बचाव कर शांत कराया। घटना के बाद सीजेएम ने तत्काल एसपी से बात की और दारोगा के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है। वहीं दारोगा द्वारा कोर्ट परिसर में की गई इस कार्रवाई को लेकर वकीलों में आक्रोश है।
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