केरल का रहने वाले साजीर मंगलाचारी अब्दुल्ला इस्लामिक स्टेट (आईएस) के लिए भारत से लड़ाकों की भर्तियां कर रहा है। खुफिया एजेंसियां लगातार अब्दुल्ला की तलाश कर रही हैं।
खुफिया एजेंसियों का मानना है कि जिन 67 भारतीयों पर आईएस के लिए काम करने की आशंका है उनके अलावा भी कई लोग इस आतंकी संगठन से जुड़े हो सकते हैं। अबदुल्ला एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है, उसके पिता कोझिकोड में ट्रक ड्राइवर हैं। दुबई में नौकरी कर रहा अब्दुल्ला हाल ही में छुट्टी लेकर घर आया था। लेकिन अप्रैल में वह दुबई लौट गया और आईएस में शामिल हो गया। गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने केरल से छह लोगों को भारत में आंतकी हमले की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
तीन देशों की एजेंसियां कर रही हैं तलाश
भारत, अफगानिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात की खुफिया एजेंसियां अब्दुल्ला की तलाश कर रही हैं। खुफिया एजेंसियों की मानें तो अब्दुल्ला लोगों को बरगला कर आईएस से जोड़ने का काम कर रहा है। वह अब अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में रहता है और आईएस में अहम पद पर कार्यरत है। एक खुफिया अधिकारी ने कहा, नंगरहार ब्लैक होल की तरह है, अगर आप गायब होना चाहते हैं तो ये बिल्कुल सटीक जगह है। अफगान खुफिया सर्विस भी इस इलाके में खुद को असहाय पाती है। सुरक्षा एजेंसियों को यकीन है कि अब्दुल्ला ने 21 केरलवासियों को नंगरहार बुलाया है, जिनमें आठ नाबालिग भी शामिल हैं। इस गुट का नेतृत्व कट्टरपंथी मौलाना अब्दुल राशिद ने किया था। इस गुट के नंगरहार पहुंचने पर राशिद ने अपने एक दोस्त को भेजे टेलीग्राम संदेश में कहा, मुजाहिद की जिंदगी कुछ महीनों की होती है। इसका इनाम दूसरी जिंदगी में मिलेगा।
मनसीद बिन मोहम्मद भी अहम कड़ी
एनआईए अधिकारियों के अनुसार आईएस के लिए भर्ती करने वाले सेल की सबसे अहम कड़ी दोहा में रहने वाला मनसीद बिन मोहम्मद है। जो पांच साल पहले केरल के पनूर से पश्चिम एशिया चला गया। वो पहले पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़ा था। केरल सरकार के अनुसार इस संगठन के संबंध आईएस से हैं। मोहम्मद ने एक बार संगठन के लिए हिंदुत्ववादी संगठनों की गतिविधियों पर शोध किया था। एनआईए के अधिकारियों के अनुसार दोहा जाने के बाद वो आईएस से जुड़ गया और अबु बकर अल-बगदादी उसका नया नेता बन गया।
शिक्षित लोगों को किया शामिल
एजेंसियों के मुताबिक अब्दुल्ला ने जिन लोगों को आईएस में शामिल कराया वो सभी शिक्षित हैं। आईएस में शामिल हुआ स्वालेह मोहम्मद चेन्नई स्थित एक ऑटोमोबाइल कंपनी में रिसर्चर था। साफवान पूकतिल पीएफआई के दैनिक तेजस में ग्राफिक डिजाइनर था। रामशाद नीलांगन कांदियिल कोझीकोड में चार्टेड अकाउंटेंट का काम करता था। जसीम नीलांगन कांदियिल ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई अधूर छोड़ दी थी। राशिद अली का छोटा मोटा कारोबार था।
खुफिया एजेंसियों के अनुसार मोसूल और रक्का में आईएस का आधार कमजोर होता जा रहा है इसलिए आईएस ने भारतीय जिहादियों को सैन्य प्रशिक्षण देने के लिए अफगानिस्तान भेजने का निर्देश दिया है। इन्हें भारत में हमले करने के लिए भी उकसाया जा रहा है और खुद से तैयार किए विस्फोटकों के प्रयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।
-सौजन्य से हिन्दुस्तान
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