केंद्र सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के अपने लक्ष्य को पूरा करने को लेकर आगे बढ़ रही है। केंद्र सरकार की ओर से बनायी गयी एक कमिटी कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों पर विचार कर रही है। इनमें मुनाफा केंद्रित रुख (प्रॉफिट सेंट्रिक अप्रोच) अपनाते हुए उत्पादकता बढ़ाना और कृषि लागत कम करना शामिल है। पिछले साल अप्रैल में बनायी गयी अंतरमंत्रालयीय समिति बड़े पैमाने पर सुधार और कृषि के पशुपालन, मुर्गी पालन और मछली पालन जैसे उप-क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देने की सिफारिश कर सकती है।
कमिटी के चेयरमैन अशोक दलवाई ने कहा, ‘हम इस तरह की रणनीतियों की सिफारिश करना चाहते हैं जो व्यवहारिक हों और राज्य सरकारों और केंद्र सरकार, दोनों के लिए फायदेमंद हों। ऐसे कार्य व्यवहार जिन्हें किसानों की आय दोगुनी करने के लिए अपनाया जा सके।’ दलवाई ने बताया कि कमिटी ICAR के वैज्ञानिकों, किसानों और पेशेवर संगठनों सहित अन्य पक्षों के साथ विचार-विमर्श कर रही है और यह अपनी रिपोर्ट इस साल अप्रैल तक सौंप देगी।
कृषि मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव दलवई ने कहा कि खेती-बाड़ी को व्यावहारिक बनाना ‘सबसे बड़ी चुनौती’ है। उन्होंने कहा कि देश के ज्यादातर किसान, छोटे और सीमांत हैं। उन्होंने कहा कि खेती में फायदा कमाने का सिद्धांत इस तथ्य पर विचार से आता है कि सकल उत्पादन और कृषि लागत क्या है। उन्होंने कहा कि कटाई के बाद फसल प्रबंधन भी बहुत महत्वपूर्ण है। कटाई के बाद फसल को कैसे रखा जाता है, ढुलाई और मार्केटिंग भी इसमें शामिल है। इसके अलावा, कमिटी पशुपालन, मुर्गी पालन, मछली पालन और फूलों की खेती में विकास को बढ़ाने वाले अहम कारकों पर भी विचार कर रही है।
दलवई ने कहा, ‘मौजूदा समय में खपत का तरीका बदल रहा है, लोग मांस, दूध, अंडे, फल और सब्जियों जैसे अधिक कीमत वाले उत्पादों का रुख कर रहे हैं… किसान इनका उत्पादन बढ़ा सकते हैं। कमिटी इसके लिए उपायों पर विचार कर रही है।’
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