संत कबीर के दोहे और पद आज भी अहिंसा, सत्य और सदाचार सिखाते हैं. हिंदी साहित्य के लगभग 1200 वर्षों के इतिहास में तुलसीदास के अलावा इतना अधिक प्रभावशाली व्यक्तित्व किसी कवि का नहीं रहा जो लोगों के मन में बस चुका हो. मुंबई का कबीर कैफे बैंड कबीर के दोहों को सुरों में पिरोकर उनकी दी हुई सीख को दुनियाभर में फैलाने का बीड़ा उठाए हुआ है.
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कबीर कैफे बैंड
दिल्ली के नीरज आर्या ने 2006 में कबीर पर बनी फिल्म ‘हद अनहद देखी’ और कबीर के ही होकर रह गए. उन्होंने उसी समय इस बैंड की नींव तैयार कर दी थी, लेकिन यह बैंड 2012 में बना और तब से यह बैंड कबीर के दोहों को सुरों में पिरोकर पेश कर रहा है.
बैंड रॉक और कर्नाटक संगीत शैली के फ्यूजन के साथ कबीर की सीखों को आधुनिक रूप दे रहा है. इस बैंड में नीरज आर्या (गिटार वादक) के अलावा वायलिन वादक मुकुंद रामास्वामी, सारंगी वादक रमन अय्यर, तबला वादक वीरेन सोलंकी और इलेक्ट्रिक गिटार और कीबोर्ड बजाने वाले ब्रिटो हैं. बैंड के ‘चदरिया झीनी रे झीनी’, ‘मोको कहां ढूंढो रे बंदे’ और ‘मन लागो यार फकीरी में’ जैसे गाने सीधे दिल में उतर जाते हैं.
नीरज कहते हैं, “मैंने 2006 में कबीर पर बनी शबनम निरामी की फिल्म हद अनहद देखी और उसे देखने के बाद कबीर के व्यक्तित्व उनकी सीखों का कायल हो गया. इस फिल्म ने मेरे दिल को छू लिया. मैंने कबीर पर शोध करना शुरू किया और उनके दोहों पर गाना भी. इस काम के अच्छे-खासे पैसे भी मिलने लगे, तो जिम्मेदारी बढ़ी और इसे गंभीरता से लेना शुरू किया. मैंने दस दिन की मालवा कबीर यात्रा भी की.”
वह कहते हैं, “2012 में दिल्ली से मुंबई जाने पर बांद्रा स्टेशन पर मेरी मुलाकात मुकुंद से हुई और हमने साथ काम करने का फैसला किया. इसके बाद रमन अय्यर बैंड से जुड़ा और फिर वीरेन.”
नीरजे कहते हैं, “कबीर एक सोच बन गए हैं और वह हम सभी के भीतर हैं.”
बैंड के सदस्य रमन ने बताया, “कबीर हमारी अंतर्रात्मा हैं. हमने कबीर को नहीं चुना, बल्कि कबीर ने हमें चुना है ताकि हम उनकी सीखों को जनमानस तक पहुंचा सकें.”
आइये देखें इनका एक वीडियो
कबीर कैफे बैंड के मेम्बर्स की कहानी
मुकुंद कहते हैं, “हमें जिस तरह का रुझान श्रोताओं से मिलता है, वह बेहतरीन है। हिंदी से कन्नी काटने वाले युवा भी कबीर के दोहों पर झूमते हैं, जिसे हम अपनी सफलता के रूप में लेते हैं.”
कबीर कैफे बैंड भविष्य की योजनाएं बनाने में विश्वास नहीं रखता. नीरज कहते हैं, “हम प्लानिंग में विश्वास नहीं रखते। जीवन है, जहां ले जाएगी वहां चले जाएंगे. हम कबीरपंथी हैं.”
यह बैंड पिछले तीन साल में 520 से अधिक शो कर चुका है. बैंड का नया गाना ‘पंचरंग’ हाल ही में रिलीज हुआ है जो धमाल मचा रहा है.
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