लखनऊ। महिला सुरक्षा को लेकर सरकार के दावों को उन्हीं के नुमाइंदे पलीता लगा रहे हैं। जिनके कंधों पर मुख्यमंत्री ने महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी दे रखी है वे ही सबसे ज्यादा महिलाओं की अस्मत के दुश्मन बन रहे हैं। ऐसा ही मामला बिजनौर शहर के एक चर्चित होटल में उस समय देखने को मिला जब खाकी और अंगूरी के नशे में चूर दरोगा ने न सिर्फ महिला को बुरी नीयत से दबोच लिया बल्कि विरोध करने पर उससे मारपीट भी की। महिला की शिकायत पर डायल 100 पुलिस आई तो खाकी का साथ देते हुए पीडिता पर भी दबाव बनाना शुरू कर दिया। महिला ने एसपी को फोन किया, लेकिन उन्होंने भी फोन तक रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार जनपद बदायूं की एक महिला का पति बिजनौर जेल में बंद है। महिला अपने पति की पैरोकारी के लिये अक्सर बिजनौर कोर्ट आती रहती है। गुरूवार को भी वह बिजनौर आयी थी, लेकिन यहां से लौटने में उसे अंधेरा हो गया। रास्ता लंबा व रात का समय होने के कारण उसने रात में यहीं ठहरने में अपनी भलाई समझी, लेकिन उसे क्या पता था कि उप्र में भले ही गुण्डाराज चलता हो, लेकिन बिजनौर में नशेड़ी पुलिसकर्मियों की गुंडागर्दी भी कम नहीं चलती।
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यहां की वास्तविकता से अंजान महिला सिविल लाइन स्थित रविन्द्रा होटल में चली गयी। यह होटल अपने किन कारनामों के लिये बदनाम है इसके बार में उसे बिल्कुल नहीं पता था। उसने होटल में जाकर कागजी कार्यवाही पूरी कर कमरा ले लिया। जब वह बताये गये कमरे की ओर चली तो गैलरी में खड़े उप्र पुलिस के दरोगा देवेन्द्र ने उसे दबोच लिया। दरोगा की अचानक की गयी इस हरकत से महिला सहम गयी। उसने दरोगा की इस हरकत का विरोध किया तो दरोगा ने उसके बारे में अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उसकी पिटाई करनी शुरू कर दी। अपने साथ हुई इस भयानक घटना से सहमी महिला ने अपने परिचित उस अधिवक्ता को फोन कर दिया जो उसके पति का मुकदमा लड़ रहा है।
पुलिस की करवाई पर खड़े हो रहे सवाल
मामले का पता लगते ही अधिवक्ता मौके पर पहुंच गये, लेकिन शराब के नशे में धुत्त दरोगा देवेन्द्र ने उससे भी अभद्रता कर डाली। मामले की शिकायत डायल 100 पर की गयी तो पुलिस की गाड़ी मौके पर पहुंच गयी, वहीं दो अन्य दरोगा भी वहां आ गये। उन्होंने खाकी का पक्ष करते हुए महिला व अधिवक्ता पर दबाव बनाना शुरू कर दिया और भय दिखाकर अपनी मर्जी से फैसलानामा लिखवाने का भी प्रयास शुरू कर दिया। मामले की जानकारी मिलते ही कुछ मीडियाकर्मी व समाजसेवी होटल में पहुंच गये।
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इन पुलिसकर्मियों ने उन पर भी खाकी का रौब गालिब करते हुए मामले को रफा दफा करने का प्रयास किया, लेकिन ये अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सके। मौके पर भारी हंगामा हो गया, जिसे देखकर दरोगा देवेन्द्र का पक्ष करने आये दोनों दरोगा व 100 पुलिस के जवान मौके से खिसक लिये। महिला ने एसपी को फोन कर मामले की शिकायत करने का प्रयास किया, लेकिन एसपी ने कॉल तक रिसीव नहीं की। जिसके बाद जनपद की कानून व्यवस्था को पलीता लगा रही पुलिस को कोसते हुए महिला वहां से किसी अन्य जगह के लिये चली गयी। इस मामले में जब आईजी बरेली रेंज से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नॉट रिचेवल आया।
दागी दरोगा पर कोई कार्रवाही न होना चर्चा का विषय बना
शराबी दरोगा की करतूत के बारे में जब पुलिस अधीक्षक अजय साहनी से बात करने के लिए उन्हें कॉल की गई तो कॉल को उनके पीआरओ ने रिसीव किया। पीआरओ ने पूरा मामला सुनने के बाद कहा कि अभी साहब से बात नहीं हो सकती है वह इस मामले को उन्हें बता देंगे। लेकिन एक बडा सवाल यह कि 24 घंटे बीत जाने के बावजूद भी दागी दरोगा पर कोई कार्रवाही न होना अपने आपमे कई सवाल खडे कर रहा है।
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