दिल्ली: हर बार हर चुनाव के बाद सब शाम को टीवी के सामने बैठ जाते थे की एग्जिट पोल देखेंगे और ऐसा क्यों न हो, किसकी हवा है ये एग्जिट पोल ही तो बताते थे और एग्जिट पोल से ही अगला फैसला भी कर लेता था की अबकी बार किसकी सरकार बनवायेगा लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और जो हुआ वो मीडिया में कवर ही नहीं हुआ की इस एग्जिट पोल के पीछे कितने बड़े-बड़े लोग भी लपेट लिए गए.
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भारत निर्वाचन आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत इलैक्ट्रोनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया तथा अन्य किसी भी माध्यम से एग्जिट पोल के परिणामों के प्रसारण, प्रकाशन एवं प्रचार प्रसार पर 9 मार्च की शाम 5.30 बजे तक के लिए रोक लगा दी है.
एग्जिट पोल के आयोजन को 9 मार्च तक बढ़ा दिया गया है
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी. वेंकटेश ने बताया कि इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है. उन्होंने बताया कि शनिवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, सुबह सात बजे से आठ मार्च की शाम 5.30 बजे तक एग्जिट पोल के आयोजन तथा किसी भी तरह के परिणामों के प्रकाशन व प्रसारण पर लगी रोक को बढ़ाकर नौ मार्च की शाम 5.30 बजे तक कर दी है.
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चुनाव आयोग की पिछली अधिसूचना के मुताबिक प्रतिबंध की अवधि आठ मार्च को खत्म होने वाली थी.
आपको जो बात कोई नहीं बताएगा
जागरण डॉट कॉम के संपादक शेखर त्रिपाठी को पुलिस ने 14 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया था. उनपर इनजाम था की उन्होंने यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण के चुनाव के बाद एक एग्जिट पोल छापा जिसमें उन्होंने एक राजनीतिक पार्टी को आगे दिखाया.
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चुनाव आयोग ने इसको आचार सहिंता का उल्लंघन मानते हुए उनकी गिरफ़्तारी के निर्देश दिए थे. जागरण डॉट कॉम ने इसपर प्रतिक्रिया में कहा की एग्जिट पोल गलती से अंग्रेजी वेबसाइट पर पब्लिश हुआ था और उसे तुरंत हटाया गया था.
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