नयी दिल्ली। चुनाव आयोग ने लाभ के पद के एक नये मामले में 27 आप विधायकों को अाज नोटिस भेजकर 11 नवम्बर तक जवाब मांगा है। इन विधायकों को दिल्ली सरकार ने रोगी कल्याण समितियों का अध्यक्ष नियुक्त किया हुआ है जिसे लाभ का पद ठहराते हुए चुनौती दी गयी थी। इन विधायकों में 10 वे विधायक भी शामिल हैं जिन पर पहले से ही संसदीय सचिव नियुक्त किये जाने के मामले में आयोग में सुनवाई चल रही है।
आयोग ने इस नये मामले में विधायकों को 11 नवम्बर तक अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया है। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को इस संबंध में शिकायत मिली थी जिसे राष्ट्रपति भवन की ओर से अक्टूबर के मध्य में आयोग को भेजा गया था। इस पर आयोग ने यह नोटिस जारी किये हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 08 सितम्बर के अपने एक फैसले में आप के 21 विधायकों की संसदीय सचिव पद पर नियुक्त को रद्द कर दिया था।
न्यायालय का कहना था कि संसदीय सचिव नियुक्त किये जाने से पूर्व उपराज्यपाल से इसकी अनुमति नहीं ली गयी थी। दिल्ली सरकार ने 21 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किये जाने के बाद विधानसभा में एक विधयेक पारित किया था जिसे जाने माने अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने चुनौती दी थी।
आप के जिन विधायकों को आयोग ने आज नोटिस जारी किया है उसमें विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल, विधानसभा उपाध्यक्ष राखी बिड़लान, पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष वंदना कुमारी, चांदनी चौक से विधायक अल्का लाम्बा, कंमाडो सुरेन्द्र कुमार, लक्ष्मीनगर से विधायक नितिन त्यागी , पूर्व कानून मंत्री जितेन्द्र सिंह तोमर आदि शामिल हैं।
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