यूपी में इलेक्शन से पहले बीजेपी ने अपना मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। ख़ास बात ये है कि इस बार पार्टी ने अपने मास्टर प्लान में ज़्यादा जोर मायावती के दलित वोट बैंक पर दिया है। जी हां इस समय बीजेपी दलितों को अपनी ओर आकर्षित करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। रविवार को वाल्मीकि जयंती के मौके पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने रामायण का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, ”आदर्श सेवक कैसा हो, आदर्श भाई, बहन कैसे हों, आदर्श पत्नी कैसी हो सकती है। इन सब का वर्णन महर्षि वाल्मीकि ने रामायण में किया। अगर वाल्मीकि रामायण नहीं लिखते, तो शायद भगवान राम को विश्व में कोई नहीं जानता।”
आगे कहा, दलित उत्थान और दलित समरसता के लिए उन्होंने बिना ढिंढोरा पीटे काम किया। संत समाज ने बिना वाल्मीकि की जात पूछे उनके ज्ञान और गुणों की पूजा की, यह बताता है कि भारतीय संस्कृति के खून में समरसता रची-बसी हुई है।
केन्द्र सरकार कर रही है दलितों के लिए काम
अमित शाह ने आगे कहा कि केंद्र सरकार गरीब, दलित, शोषित और पीड़ित लोगों के लिए काम कर रही है। मोदी सरकार की शुरुआत की पांच योजनाएं दलित, गरीब, शोषित और पिछड़ों के कल्याण के लिए है। अगर देश इसी रास्ते पर चल दे, तो गांधी और अंबेडकर के सपने वाले समरस समाज का सपना दूर नहीं है। शाह के इस बयान से ये तो साफ़ है कि इस बार उनकी पार्टी की नज़र दलित वोट बैंक पर है।
Facebook
Twitter
Google+
RSS