पणजी। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पणजी में इंडिया आईडिया कॉन्क्लेव के दौरान खुलकर बातें करी। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी विरोध इस लोकतंत्र में कर सकते हैं। हर कोई नीतियों और फैसलों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर सकता है पर देश के विरोध का हक किसी को नहीं।
अमित शाह ने कहा कि आजादी के बाद से देश में अगर किसी नेता की सर्वाधिक कटु आलोचनाएं हुईं है, तो वो नरेंद्र मोदी हैं। आलोचना सहन करना चाहिए, पर उनके विरोध की आड़ में कोई देश का विरोध करने लग जाए तो इसे अभिव्यक्ति की आजादी भी नहीं कही जाएगी।
Prime Minister Narendra Modi is the most bitterly criticised person post Independence: BJP President Amit Shah in Goa pic.twitter.com/sgv8ZMHlRq
— ANI (@ANI) November 4, 2016
अमित शाह ने कहा कि हमारे देश की सामाजिक चेतना बेहद उच्च स्तर की है। देश 800 साल गुलाम रहा, फिर भी हमारी सामाजिक चेतना कभी नहीं सिकुड़ी। किसी ने हमारी सामाजिक चेतना से छेड़छाड़ की कोशिश की भी, तो वो सफल नहीं हुआ।
अमित शाह ने धर्म-जाति आधारित राजनीति पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश के विभाजन के अपराधबोध से ग्रस्त होकर तब के शासन ने अपराधबोध से ग्रस्त होकर तुष्टिकरण की नीति शुरु कर दी थी। इसी वजह से लोकतंत्र की छति हुई।
अमित शाह ने कहा कि साल 2014 में देश की हालत क्या थी? लोग चिंतित थे कि भारत का भविष्य क्या है। देश पर अनिश्चितता का घेरा था। जिसके बाद देश की जनता ने नरेंद्र मोदी जी पर भरोसा करने का फैसला लिया।
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