आगरा: स्वच्छता अभियान को अपनी लगन और मेहनत से सफल बनाने वालों के सम्मान का सिलसिला शुरू हो गया है। अभियान में बेहतर काम करने वाली जिले की 40 महिला प्रधानों को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्मानित करने का फैसला लिया गया है। रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार से सम्मानित ये महिला प्रधान गुजरात में कृषि, डेयरी और जल संरक्षण आदि क्षेत्रों में हुए उल्लेखनीय विकास से भी रूबरू होंगी।
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बता दें कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आठ मार्च को गुजरात के गांधी नगर स्थित महात्मा मंदिर में महिला सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है। सम्मेलन में स्वच्छता अभियान में सराहनीय कार्य करने वाली महिला ग्राम प्रधानों को प्रतिभाग करने के लिए भी बुलाया गया है। इसमें आगरा जिले से चालीस महिला प्रधान शामिल होंगी, जिसमें लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार से सम्मानित महिला प्रधानों को वरीयता मिलेगी, जबकि खुले में शौच मुक्त गांवों की प्रधान भी इसमें प्रतिभाग करेंगी।
आयोजन से पहले इन महिला प्रधानों को स्टडी टूर के लिए गांधी नगर में डेरी कोआपरेटिव, जल संरक्षण, इरीगेशन, स्वयं सहायता समूह, खाद्य प्रसंस्करण, ई-ग्राम खादी उद्योग के अलावा विकास से महकते गांवों का भ्रमण भी कराया जाएगा।
ये ग्राम प्रधान होंगी शामिल
गुजरात के गांधी ग्राम में आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन में अकोला ब्लॉक के गांव मनिया, बसेरी चाहर, बिचपुरी के बरारा, सुनारी, बरौली अहीर के महुआ खेड़ा, समोगर, रजमई, नगला कली, कुंडौल, कौलक्खा, एत्मादपुर के गांव संवाई, अहारन, टेहू, खंदौली के गांव हाजीपुर खेड़ा, बाह के गांव गौंसिली, स्याइच, रैपुरा भदौरिया, गुगावली, पिनाहट के गांव करकौली, जैतपुर कला के गांव वेदपुरा, चंद्रपुर, कोरथ, शाहपुर गुजर, चित्राहाट, फतेहाबाद के गांव बिलौनी, मोहम्मदपुर, शमशाबाद के गांव ऊंचा, सिकतरा, गदौलीकलां, सैंया के गांव पनौता, खेरागढ़ के गांव खानपुर, औरंगपुर, जगनेर के गांव भवनपुरा, मेवाली, अछनेरा के गांव धनौली, बरौली, रैपुरा अहीर और फतेहपुर सीकरी ब्लॉक के गांव सूरौठी, दयौरैठा की महिला प्रधान शामिल होगी।
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विकास भवन में प्रशिक्षण संपन्न
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस में प्रतिभाग करने वाली महिला प्रधानों को विकास भवन में प्रशिक्षण दिया गया।
गांवों का होगा विकास
मुख्य विकास अधिकारी नगेंद्र प्रताप ने बताया कि सम्मेलन में प्रतिभाग करने वाली महिला प्रधानों को वहां के विकास से रूबरू होने का मौका मिलेगा। वहां के ज्ञान को वह अपने गांव में करेंगी, तो निश्चित ही जिले के गांवों में समुचित विकास होगा और नई चीजें समझने को मिलेंगी।
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